चँद्रमा से तू सुसज्जित
गंगोत्री भी है तुझमे फुलकित।
तेरी ग्रीवा है सर्प से सुशोभित
तू है अभय यह है निश्चित।
त्रिशूल डमरू किया तूने धारण
विष कंठित किया तूने सबका निवारण।
तुझमे है सब कुछ समाया
तू ही है सबका साया।
तू ही है विनाशकारी
तेरी है कृपा निराली।
न कोई तुझसा है दूजा
क्या देव क्या दानव
सब करें तेरी पूजा।।
बम बम भोले बाबा कि जय हो।
love your writing.
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