ममता की समझ कर मूरत
भूल कर बैठा वह मूरख।
सोचा अभला है तो जीत है ,
न जाना की वो शक्ति है।
सामना हुआ ज्वाला से उसका
भड़का घमंड से क्रोध उसका।
युद्ध छिड़ा फिर घमासान
माना शक्ति है वो, नहीं है समान।
ममता का उसमे संसार भी
शक्ति है वो अंगार भी।
जय हो दुर्गा मैया की।
नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं।
Beautiful lines... :)
ReplyDeleteHappy Dusshera to you and family ...
Thank you very much, beautiful! :)
DeleteThanks for the honour, Arun. :)
ReplyDeleteVery beautiful lines :)
ReplyDeleteThank you very much, Shravan for being here. :)
DeleteBeautfiul lines. Wishing Mata rani bestows on you immense happiness :)
ReplyDeleteDelighted with your beautiful wishes. Thanks, dear! :)
Delete